बुखार के साथ झटके आना: जानिए सही कदम क्या हैं
3/1/20231 min read


क्या आपका बच्चा बुखार के साथ झटके (फेब्राइल सीज़र्स) का सामना कर रहा है? ये समस्या बहुत से बच्चों में देखी जाती है, खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में। लगभग 2-4% बच्चों में बुखार के दौरान झटके आ सकते हैं। यह स्थिति सुनने में डरावनी लग सकती है, लेकिन आपको जानकर खुशी होगी कि इससे कोई लंबा नुकसान नहीं होता।
बुखार के साथ झटके क्यों आते हैं?
यह झटके आमतौर पर 1 से 1.5 साल की उम्र में देखे जाते हैं। बुखार के साथ झटके तब होते हैं जब शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है, खासकर जब बच्चे को किसी वायरल संक्रमण या फ्लू के कारण बुखार होता है। कभी-कभी, ये झटके टीकाकरण के बाद भी हो सकते हैं। हालांकि यह देखना डरावना हो सकता है, लेकिन इनसे बच्चे को कोई मानसिक या मस्तिष्कीय नुकसान नहीं होता।
बुखार के साथ झटके पर माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है
झटके एक या दो मिनट तक चलते हैं और ज्यादातर समय खुद ही ठीक हो जाते हैं। यह आमतौर पर पहले दो साल के दौरान होता है। यदि बच्चे को एक बार बुखार के साथ झटके आ चुके हैं, तो भविष्य में ऐसा दोबारा होने का खतरा 30-35% हो सकता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर बच्चों के लिए अस्थायी स्थिति होती है और इसे जल्द ही नियंत्रण में लाया जा सकता है।
क्या इन झटकों से मिर्गी हो सकती है?
अच्छी खबर यह है कि बुखार के साथ आने वाले झटकों का भविष्य में मिर्गी (एपिलेप्सी) से कोई संबंध नहीं होता। ऐसे बच्चों में मिर्गी होने का खतरा सामान्य बच्चों की तुलना में कम होता है, और अक्सर झटकों को रोकने के लिए दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ती।
बुखार के साथ झटकों के दौरान क्या करें?
बच्चे को आराम से लिटा दें: अगर बच्चे को झटके आ रहे हों, तो उसे करवट पर लिटा दें। इससे उसे सांस लेने में मदद मिलती है और वह सुरक्षित रहता है।
मुंह में कुछ न डालें: बच्चों के मुँह में अंगुली, पानी या चम्मच डालने की कोशिश न करें। यह खतरनाक हो सकता है और बच्चे को चोट लग सकती है।
झटके रोकने के लिए बल का उपयोग न करें: बच्चों को रोकने के लिए बल प्रयोग न करें। उसे आराम से लिटा छोड़ें और झटके के खत्म होने का इंतजार करें।
5 मिनट तक अगर झटके न रुकें तो अस्पताल जाएं: यदि झटके 5 मिनट से ज्यादा समय तक चलें, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाएं। लंबे समय तक झटके रहने पर तत्काल मेडिकल मदद की जरूरत होती है।
बुखार के साथ झटके आना: क्या करें?
जब बुखार के साथ झटके आते हैं, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। अगर झटके पहले बार हो रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है, खासकर यह जानने के लिए कि बुखार का कारण क्या है। एक वर्ष से कम आयु के बच्चों में मस्तिष्क के संक्रमण (मैनिंजाइटिस) की संभावना को ध्यान में रखते हुए, इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बच्चों को बुखार और झटकों के दौरान सही देखभाल कैसे दें?
बच्चे के तापमान को नियंत्रित करें: बुखार के दौरान बच्चों का तापमान लगातार चेक करते रहें। ज्यादा बुखार होने पर डॉक्टर से दवाइयों की सलाह लें।
फ्लू से बचाव करें: बच्चों को फ्लू और वायरल संक्रमण से बचाने के लिए सही एहतियात बरतें, जैसे मास्क पहनना, सफाई रखना, और उन्हें सही आहार देना।
संतुलित आहार और पर्याप्त पानी: बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए सही पोषक आहार देना बहुत जरूरी है। बुखार के दौरान बच्चे को पानी और लिक्विड्स की सही मात्रा देना भी मददगार साबित हो सकता है।
निष्कर्ष:
बुखार के साथ झटके बच्चों में एक सामान्य घटना हो सकती है, जो अक्सर किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होती। माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना और झटकों के दौरान सही कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण है। बुखार के कारण बच्चे को झटके आएं तो यह पूरी तरह से अस्थायी होता है और बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित नहीं होता। सही देखभाल और चिकित्सा सहायता से बच्चे को जल्दी आराम मिल सकता है।
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